![]() व्याकरण भाषा-रूपी वृक्ष का प्राण है I व्याकरण, भाषा के विविध नियमो का आकलन है I ये नियम प्रारंभिक कक्षाओ के विद्यार्थियों के लिए बड़े ही नीरस एवं कठिन प्रतीत होते है I अतः सरलतम ढंग से, सहज एवं रुचिकर विधियों क माध्यम से व्याकरण के विषय को बाल-मन के समक्ष प्रस्तुत करना अपने-आप में एक कौशल है I इसी उद्देश्य के पूर्ति के लिए इस व्याकरण पुस्तकमाला 'हिंदी व्याकरण एवं रचना' (भाग-१ से ८ तक) का निर्माण 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति' के अंतर्गत एन.सी.ई.आर.टी द्वारा निर्मित व् अन्य राज्यों के शिखा बोर्डो को दृष्टिगत रखते हुए किया गया है I |
![]() विद्यार्थियों को सरलता एवं सहजता से विषयवस्तु का बोध कराने अर्थात 'बालानां सुखबोधाय' के लिए इस नवीनतम प्रत्यछविधि सम्प्रेष्णाधारित पाठ्यक्रम प्रारूप का आश्रयण कर पंचम, षष्ठ, सप्तम, तथा अष्टम कक्षा के लिए संस्कृत सुधा का निर्माण चार खंडो (प्रवेशिका, भाग-१, भाग-२ एवं भाग-३) में किया गया है I
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![]() प्रस्तुत श्रृंखला 'कथा संगम ' पूरक पुस्तक के रूप में आप सभी के समक्ष प्रस्तुत है | इस श्रृंखला में ऐसी कहानियो का संकलन किया गया है, जिसे बच्चे रोचकता के साथ पढ़ेंगे | बच्चे के लिए ये कहानियाँ निःसंदेह बोधगम्य होगी और कल्पना - क्षमता एवं सृजनशीलता को विकसित करेंगी| इस श्रृंखला का मुख्य उद्र्देश्य बच्चों के भीतर जिज्ञासा तथा रचनात्मक क्षमता का विकास करना है |
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